Tuesday, April 17, 2012

वो आये जब मेरी कब्र पर बे-वज़ह रुलाने के लिए

वो आये जब मेरी कब्र पर बे-वज़ह रुलाने के लिए
बे-बाक उठ मैं चल पड़ा उसे बे-वफ़ा बताने के लिए ।
अब होश फाख्ता देख के मैं चुपचाप कब्र में लेट गया,
कुछ पल बाद इक शोर हुआ उसे पागल जताने के लिए ।
_______________________हर्ष महाजन ।

No comments:

Post a Comment