Saturday, April 28, 2012

हर मोड़ पर मिली हैं गम की परछाइयाँ तुझे ऐ 'हर्ष'

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हर मोड़ पर मिली हैं गम की परछाइयाँ तुझे ऐ   'हर्ष'
ज़िन्दगी से समझौता करने की आदत सी हो गयी है ।

_______________________हर्ष महाजन ।

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