Saturday, April 21, 2012

मोहब्बत की आड़ में "हर्ष', मैं जाम-ए-हुस्न भरता रहा

मोहब्बत की आड़ में "हर्ष', मैं जाम-ए-हुस्न भरता रहा
तह-ए-दिल से प्यार करता रहा वो दिल पे वार करता रहा ।

_________________________हर्ष महाजन ।

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