Tuesday, April 24, 2012

शोला-ए-जाँ सी तड़प मेरी तू बुझा सके न बड़ा सके


शोला-ए-जाँ सी तड़प मेरी तू बुझा सके न बड़ा सके
अब खुदा से है इल्तजा मुझे जीने की और सजा न दे ।

__________________________हर्ष महाजन ।

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