Tuesday, November 26, 2013

ZakhmoN ki mehfil hamne jab jab sajaayii hai

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ZakhmoN ki mehfil hamne Jab jab sajaayii hai,
Daman meiN ashk lekar woh bhi chali aayii hai.
Toota Bahut hooN par ab dard bhi intehayii hai,
Iashqi Nadia meiN do-do kashti nazar aayii hai.

----------------------------Harash Mahajan

Saturday, November 23, 2013

विदा हुईं जो बेटियां तो दिल को लू गयीं



विदा हुईं जो बेटियां तो दिल को लू गयीं,
परदेस क्या गयीं बाबुल की निकल रू गयी ।
खामोशियाँ जो छायीं थीं रुख्सती के वक़्त,
हलक के शब्द ला ज़ुबाँ पे दिल को छू गयीं ।

__________हर्ष महाजन

मैं ज़ख्म तो हूँ यक़ीनन भर जाऊँगा,



मैं ज़ख्म तो हूँ यक़ीनन भर जाऊँगा,
मगर दाग बन ता-उम्र नज़र आऊँगा ।
जब तलक हूँ तेरे हाथों की लकीरों में,
दरिया हूँ मगर समंदर नज़र आऊँगा ।

___________हर्ष महाजन

Friday, November 22, 2013

मुझे इल्म है इतना कि मेरा अहम् तुम्हें खो देगा इक दिन



मुझे इल्म है इतना कि मेरा अहम् तुम्हें खो देगा इक दिन,
मगर तौफ़ीक़ नहीं इतनी कि मैं तुमको तुम्हीं से मांग लूं ।

___________________हर्ष  महाजन

Wednesday, November 20, 2013

ये कैसे उजड़ा अपनों का चमन देखते चलो,

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ये कैसे उजड़ा अपनों का चमन देखते चलो,
शहीदों के पड़े हैं यहाँ क़फ़न देखते चलो ।
तज़ुर्बा हो गया था हमको भी निशानियों को देख
किसी की साज़िशों का अब ये फन देखते चलो ।

________________हर्ष महाजन

Saturday, November 16, 2013

मुझको हाथों की लकीरों में तो रह लेने दो



मुझको हाथों की लकीरों में तो रह लेने दो,
वर्ना हक़ से मुझे अश्क़ों में ही बह लेने दो ।

थक चुका हूँ मैं तेरी राहों को तकते-तकते,
अब बची है कोई सर्द लहर तो कह लेने दो ।

हमें ज़ख्मों ने पुकारा मगर था होश कहाँ,
कुछ वो दर्द तूने सहे कुछ मुझे सह लेने दो ।

मुझको पूछो न वफ़ा और ज़फ़ा के मायने,
मैं तो तेरा था तेरा हूँ…… तेरा रह लेने दो ।

मैं तो वो दीप हूँ दुनिया का कहर भी झेलूँगा,
मुझको रोको न ज़हर दिल में है कह लेने दो ।


___________हर्ष महाजन

Friday, November 15, 2013

आओ कहीं बैठ कर मौज़ मनाई जाए


आओ कहीं बैठ कर मौज़ मनाई जाए,
इश्क़ की थाली अब फिर से सजाई जाए ।


बाग में बैठ कर दुपहर की ठंडी धुप में,
उनकी ज़ुल्फ़ों तले इक ग़ज़ल सुनाई जाए ।

मेरी हया मेरा तसव्वुर सब उन्ही से है,
आज भीड़ में उनसे आँख लड़ाई जाए ।

कर्ज़दार हूँ वो साहुकार हैं मोहब्बत के ,
सोचता हूँ फुर्सत से शर्म मिटाई जाए ।

इश्क़ खुदा की देन है सभी ये कहते हैं ,
बता 'हर्ष' ये विदा कैसे निभाई जाए ।

___________हर्ष महाजन

मेरे अश्क़ों को वो रात भर पोंछ्ता रहा


मेरे अश्क़ों को वो रात भर पोंछ्ता रहा,
कैसा दुश्मन था सुबह तक सोचता रहा ।


कब्र में भी अभी तक क्यूँ चैन नहीं मुझे,
बेक़सूर था वो, गफलत में कोसता रहा ।

पत्थर बेजान होते हैं कितना गलत था मैं,
जाने के बाद भी , दिवारों में खोजता रहा ।

उसने तो बहुत खायीं थी कसमें वफ़ा की,
मेरी आखिरी सांस तक, वो बोलता रहा ।

रोज़ आता है मैय्यत पे मेरी फूल चढ़ाने,
कितना पाक था बेवज़ह मैं खोलता रहा ।

___________हर्ष महाजन

Thursday, November 14, 2013

प्यार में गाफिल थे वो इस कदर कि मुझे पज़ल कर दिया



प्यार में गाफिल थे वो इस कदर कि मुझे पज़ल कर दिया,
मेरे कहे कुछ अहसासों को उसने पल में हज़ल कर दिया ।
कुछ शेर जो कहे थे फुर्सत में मैंने उसकी ज़ुल्फ़ों पे कभी,
दे कर साज़-ओ- आवाज़ उसने , उन्हें ग़ज़ल कर दिया ।

_____________________हर्ष महाजन

Wednesday, November 13, 2013

चंद शेरों में उनका हुनर इक राज़ ज़रूर बतलायेगा



चंद शेरों में उनका हुनर इक राज़ ज़रूर बतलायेगा,
बेरुखी उनकी क़ाफ़िया-ओ-रदीफ़ में नज़र आएगा ।
कितने छिपे हैं सांप उनकी आस्तीन में फन फैलाये,
आने वाला हर शेर उनकी खबर बा-दस्तूर लाएगा ।

______________हर्ष महाजन

Tuesday, November 12, 2013

देख तक़दीर मेरे अश्क़ों की बेहतर मुझसे



देख तक़दीर मेरे अश्क़ों की बेहतर मुझसे,
मैं तो हूँ क़ैद छूटा अश्क़ों का है दर मुझसे ।
हसने की चाह में था दर्द उनसे से बांटा था ,
उसने तो मांग लिया मेरा ही अब घर मुझसे ।

____________हर्ष महाजन ।

तुझ को काफिर मैं लगा फिर भी निभाएगा तू



तुझ को काफिर मैं लगा फिर भी निभाएगा तू ,
सरफिरा लगता हूँ फिर भी आजमाएगा तू ।


लोग लोफर भी कहें दिल से भी काला ही कहें,
अब तो हद ये है कि दामन भी बचाएगा तू ।

या खुदा बिछुड़ा तो फिर लौट कर न आऊंगा,
हो के मायूस सनम बीच सफ़र आएगा तू ।

आँखों में रंज तेरे दिल में थकन जो बाक़ी है ,
दूर होगी जो , मोहब्बत में अगन लाएगा तू ।

_____________हर्ष महाजन

Monday, November 11, 2013

खौफ़ तेरी तस्वीर में उसी तरह मौज़ूद है साहिल



खौफ़ तेरी तस्वीर में उसी तरह मौज़ूद है साहिल,
ज्यूँ  किया था अलविदा तूने कफ़न ओड कर मुझे । 

_______________हर्ष महाजन

Sunday, November 10, 2013

पत्थर के बुत तोड़ रहा हूँ मैं



पत्थर के बुत तोड़ रहा हूँ मैं,
टूटे अहसास जोड़ रहा हूँ मैं।
बे-वफ़ा,जो छोड़ गया था मुझे,
उसे वापिस घर मोड़ रहा हूँ मैं ।

______हर्ष महाजन

है कोई दिल पे लिखे मेरे सवाल कोई


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है  कोई दिल पे लिखे मेरे सवाल कोई,
मैं तन्हा रहूँ हो न मुझे फिर मलाल कोई ।

करार-ए-ज़िंदगी में सफे अब भी खाली हैं,
उम्मीद है मिलेगा मुझे भी लिखवाल कोई ।

रुतबे का बहुत, असर तिरा,  मेरे शेरो में,
डर है मुझे उठ न जाए अब सवाल कोई ।

बे-वफ़ा का दर्द-ए-ज़ख्म मैं जानता हूँ खूब ,
इश्क़ के सफ़र में तुम रखना न ख्याल कोई ।

 है अच्छे अच्छे शायरों का लुत्फ़ लिया मैंने ,
मगर हुआ, न अब तलक, ऐसा इक़बाल कोई ।

बेहद किया, है प्यार तुझे, पर कह सका न मैं,
दिल जानता,  उठेगा अब, ज़रूर बवाल कोई ।

बहुत बार कबूला 'हर्ष'  ये इश्क़-ए-ज़ुर्म यहाँ  ,
जालिम जहॉं,  होता नहीं, यहाँ निहाल कोई ।

हर्ष महाजन


Saturday, November 9, 2013

बरसों किया है इंतज़ार अब अहसास भी कुड़ने लगे हैं



बरसों किया है इंतज़ार अब अहसास भी कुड़ने लगे हैं ,
मुन्तजिर फूल अब सूख कर मेरी कब्र से उड़ने लगे हैं ।
ख्वाब तो आँखों से पहले ही चुरा लिए थे किसी ने 'हर्ष',
अब तो अश्क़ मेरे दिन पर दिन अश्क़ों से जुड़ने लगे हैं ।

________________हर्ष महाजन ।

Thursday, November 7, 2013

उसने इश्क़ की बिरादरी में नाम इस कदर दर्ज़ कर लिया



उसने इश्क़ की बिरादरी में नाम इस कदर दर्ज़ कर लिया,
ज़िस्म मैखाने का और ख्वाब ज़ुल्फ़ों का मर्ज़ कर लिया ।
शौखियाँ उसकी नजरो की, खूबसूरत पैगाम से कम नही ,
इक-इक अदा को उसने छलकते जाम का क़र्ज़ कर लिया ।

________________हर्ष महाजन

फलक तक पहुँच जाएंगी अहसासों की बुलंदियां मेरी


फलक तक पहुँच जाएंगी अहसासों की बुलंदियां मेरी,
मगर दुश्मन घर का पता ढूंढ रहे हैं, बे-सब्री से मेरा ।

_______________हर्ष महाजन

चिरागों से इल्तज़ा कि मेरे लिए भी जला करो


चिरागों से इल्तज़ा कि मेरे लिए भी जला करो,
पर क्या करूँ हवाओं का सिलसिला थमा नहीं है ।

_______________हर्ष महाजन

Tuesday, November 5, 2013

लगता है वो अपनी कलम का फिक्रमंद नहीं

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लगता है वो अपनी कलम का फिक्रमंद नहीं,
शुक्रिया तो कहता है सबको मगर पसंद नहीं ।
अदाएं देखो तो कुछ सही भी कहा करते हैं वो ,
अच्छी शायरी का शुक्रिया से कोई सम्बन्ध नहीं ।

_______________हर्ष महाजन

Monday, November 4, 2013

वो दिल से गया खेल दोस्ती की तरह

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वो दिल से गया खेल दोस्ती की तरह,
लगे है उम्र कटेगी अब सदी की तरह ।
दर्द बादलों सा लहर बन के चल पड़ा,
वो बुझ गया है दिल से रोशनी की तरह ।

___________हर्ष महाजन

Sunday, November 3, 2013

इल्तज़ा है कलम से यूँ ही तेरे लिए नए गीत बनाती रहे

न्म-दिन की दिली मुबारकबाद हो शेफाली शर्मा
खुदा तेरी उम्र दराज़ करे हज़ारों बरस
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इल्तज़ा है कलम से यूँ ही तेरे लिए नए गीत बनाती रहे ,
शब्दों को दे जन्म हर साल तेरा जन्म-दिन मनाती रहे ।

दुआओं की हर शाख पर रहे तू महफूज़ बस ये खुदा करे ,
इक बे-खौफ जिन्दगी तेरी रग -रग में अब मुस्कराती रहे ।

कुछ बुलन्दियाँ हैं जो छूना बाकि हैं शायद तुम्हे याद हों,
पल में दूर हो जाएंगी मुश्किलें जो भी तेरी राह आती रहें ।

सितारों का क्या है आसमां से यूँ ही उतर आते हैं तेरे लिए,
मनाएं वो जन्म-दिन तेरा बस महक हम तक आती रहे ।

____________________हर्ष महाजन

मेरे भैय्या तेरे बिन आज भी सजती महफ़िल

जन्म-दिन की बहुत बहुत शुभ-कामनाएं भाई सुरेश महाजन
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मेरे भैय्या तेरे बिन आज भी सजती महफ़िल,
नहीं भूलेगा जन्म-दिन जो तेरा आज के दिन ।

पर अधूरी सी क्यूँ लगती है .... हर चीज़ यहाँ,
केक काटे हैं ये ऐसे जैसे कटे.... मेरा ये दिल ।

ऐ खुदा कैसे करूँ शुक्र मैं.... उस दिन के लिए;
भेजा तूने जो है धरती पे भरा प्यारा सा दिल ।

जाने क्यूँ इतंजार है अब...दिल धड़के है क्यूँ ,
है जन्म-दिन शायद सज रही...तेरी महफ़िल ।

मेरी हर एक दुआ तेरी ......... उमर लम्बी करे,
जहां धड़केगा तेरा दिल वहीं हो तेरा जन्म-दिन ।

_______________हर्ष महाजन

बता कैसे लिख दें तेरी उम्र चाँद सितारों पे

जन्म-दिन की बहुत बहुत शुभ-कामनाएं भाई अश्वनी महाजन
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बता कैसे लिख दें तेरी उम्र चाँद सितारों पे
और मना लें तेरा जन्म-दिन फूल बहारों से ।

बटोर लें कुछ खूबसूरत अहसास तेरे लिए,
सजा दें उन्हें तेरे हृदय में अद्भुत नज़ारों से ।

खुदा से कर मिन्नत इक सौगात रखवा ली है ,
तभी आज तेरे जन्म-दिन पर हुई दिवाली है ।

खुदा की नैमत किस को मिले किसको अंदाजा है,
द्वार-पट मुक़द्दर का खुद बता देगा जो दरवाजा है ।

किस तरह बना दूं इसे मैं वर्ष का इक ख़ास दिन,
जिसे बिताना न चाहे कोई भी अपना बस तेरे बिन ।

देते रहें सदा दुआएं और चाहें तुझको कुछ इस तरह,
रोम-रोम कह रहा हो जन्म-दिन मुबारक हो जिस तरह ।

___________________हर्ष महाजन