Wednesday, December 25, 2013

किसी के गम में यूँ रोने की तुझ में बात कहाँ



किसी के गम में यूँ रोने की तुझ में बात कहाँ ,
जो अश्क़ बन के न उतरे वो प्यार प्यार कहाँ ।
जो साथ हम से मिला था वो साथ खो भी लिए,
मगर जहां में अब मिलेगा मुझ सा यार कहाँ ।

________________हर्ष महाजन

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