Monday, December 28, 2015

देखो ऐसा न हो ख्वाब इक यूँ पलता रहे

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देखो ऐसा न हो....ख्वाब इक......यूँ पलता रहे,
कहो कुछ इस तरह दिल में चिराग जलता रहे |
हैरान हूँ मैं मुसलसल.............तेरी अदाओं पे,
कहीं ये दिल मेरा..अनजाने में...न सलता रहे |

__________________हर्ष महाजन

Friday, December 25, 2015

अक्सर खामोश रहा करता है वो शख्स

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अक्सर खामोश रहा करता है वो शख्स,
जाने कितने तूफ़ान लिए घूम रहा है वो |

हर्ष महाजन

Wednesday, December 16, 2015

वक़्त के थपेड़ों ने उसे इस कदर बुझाना चाहा

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वक़्त के थपेड़ों ने उसे इस कदर बुझाना चाहा,
हुस्न तबाह कर उसे तवायफों में बिठाना चाहा |
न मिली सुराग-ए-मंजिल न ही उसे राहत कोई,
कैसा ज़लज़ला था जो इस कदर मिटाना चाहा |
___________________हर्ष महाजन

Saturday, December 12, 2015

बिहार जनता को इतनी जल्दी थी गरीबी में जाने की

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बिहार जनता को इतनी जल्दी थी गरीबी में जाने की,
तो मोदी जी,क्या ज़रुरत थी तुम्हें सत्ता में आने की |
बहुत हुआ संसद के गलियारों में विपक्ष को सहलाना,
अब ज़रुरत आन पड़ी है उन्हें इक आईना दिखाने की |


____________हर्ष महाजन