Wednesday, January 27, 2016


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कितने ही अफसानों से भरा है अपना ये  मुस्तकबिल 'ऐ 'हर्ष',
चलो देखें कितने और सावन हैं अभी इन्हें.....अंजाम देने को ।

----------------हर्ष महाजन

Monday, January 11, 2016

कोई लगा नहीं पाएगा अंदाजा, तेरे हुस्न का सदियों तक

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कोई लगा नहीं पाएगा अंदाजा, तेरे हुस्न का सदियों तक,
किसी ने देखा जो नहीं तेरा जलवा कभी शाम होने के बाद ।

 हर्ष महाजन

कितने ही एहसान किये हैं तुमने मुझपर ऐ तन्हाई

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कितने ही एहसान किये हैं तुमने मुझपर ऐ तन्हाई,
बेवफाई सहते...... ज़िन्दगी गुज़ार दी मैंने तेरे संग |

_________हर्ष महाजन

Wednesday, January 6, 2016

कितना गजब करता हूँ

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कितना गजब करता हूँ,
उनसे इतना डरता हूँ |
मुंहतोड़ जवाब देती वो,
फिर भी उसपे मरता हूँ | 

___हर्ष महाजन

हिन्दूसितां की धरती पर अब सियासत क्यूँ मुरदार हुई

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हिन्दूसितां की धरती पर.....सियासत क्यूँ मुरदार हुई,
छोड़ मुहब्बत की ये कसमें, बुजदिली क्यूँ किरदार हुई |
लहू जवानों का जब उबला....दुश्मन इक-इक ढेर हुआ,
देख शहादत, इनकी फिर भी.... अक्लें, क्यूँ बीमार हुई |

____________हर्ष महाजन

मेरी उलझनों को और भी उलझा देते हो

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मेरी उलझनों को और भी उलझा देते हो,
इतना सताया तुम्हें फिर भी दुआ देते हो |

__हर्ष महाजन

Monday, January 4, 2016

मुझसे मेरी मेहरबानियों का कभी जिकर न करना

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मुझसे मेरी मेहरबानियों का कभी जिकर न करना,
तनहा हूँ, मेरी इस आदत का कभी फिकर न करना |
________________हर्ष महाजन