Sunday, March 20, 2016

दुनियाँ है बदली बदली अब मैं भी बदल गया

मेरी अगली ग़ज़ल का मुखड़ा ::

दुनियाँ है बदली-बदली अब मैं भी बदल गया,
जो दिल था हर इंसान में.....जाने किधर गया ।

-----------------हर्ष महाजन


2212 2212 2212 12

Wednesday, March 9, 2016

अगर दिल पर मेरे उसका कभी इख्तियार हो जाता

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अगर दिल पर मेरे उसका कभी इख्तियार हो जाता,
ये हस्ती तक बिखर जाती मुझे इंतज़ार हो जाता |
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मैं कुछ अपने गुनाहों से परेशांन और मुमकिन ये,
कभी मैं खोल देता दिल वो फिर राजदार हो जाता |

ये तो अच्छा हुआ वो रूठ कर बस चल दिए मुझसे,
अगर तीरे नज़र चलता तो दिल आर-पार हो जाता |

अमानत थी किसी की फिर भी दिल काबू में रख पाना,
कशिश इतनी थी आँखों में ये दिल तार-तार हो जाता |

बिछुड़ के रो चुका हूँ बे-वजह उस पे था दिल इतना,
न पगलाता ज़हन मेरा तो मैं होशियार हो जाता |

हर्ष महाजन

Friday, March 4, 2016

तेरे हिस्से की मैंने दिल में इक सौगात रक्खी है

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तेरे हिस्से की मैंने दिल में इक सौगात रक्खी है,
ज़रा आओ तो परदे में.....ज़मीं आज़ाद रक्खी है |
तेरे कूचे की मुझको......यादें क्यूँ जीने नहीं देतीं,
नज़र भर देख आँखों में वो शय आबाद रक्खी है |
______हर्ष महाजन

Thursday, March 3, 2016

सुरीलेपन से कोयल सबके दिल में खूब उतरे हैं

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सुरीलेपन से कोयल सबके दिल में खूब उतरे हैं ,
मगर कौव्वे तो हिजडी नगमों पे तग्में ही ढूंढें हैं |

______________हर्ष महाजन