Thursday, July 20, 2017

इतनी उम्मस है फलक को तू हिलाने वाले

...

इतनी उम्मस है फलक को तू हिलाने वाले,
ये घटा बरसेगी कब....दुनियाँ चलाने वाले ।

---------------------हर्ष महाजन

Tuesday, July 18, 2017

ये तोपें हिन्द की गर खुल गईं दुश्मन का क्या होगा,

...

ये तोपें हिन्द की गर खुल गईं दुश्मन का क्या होगा,
मिटेगा हर निशाँ दुनियाँ के नक्शे से बयाँ होगा ।

जो घाटी से मुहब्बत की दुहाई दे रहे दुश्मन,
उठेंगी अर्थियां इक-इक डगर दुश्मन फनां होगा ।

अरुणाचल डोकलम की मार्फत गर छेड़ दिया हिन्द को,
तो बीजिंग से शिंगाई तक यहां हिन्दोस्तां होगा ।

ये बासठ का नहीं है हिन्द मिसाइलों से हुआ जालिम,
यहां गर आंख भी फड़की धुआं जाने कहाँ होगा ।

बहुत हो गए पटाखे सरहदों पे खत्म हुई सरगम,
यूँ ले अंगड़ाई बदला हिन्द यहां फिर से जवाँ होगा ।

अभी है वक़्त संभल जाओ चेताता 'हर्ष' तुम्हें वरना,
यहां कुछ देशों का जग में नहीं नामों निशाँ होगा ।

--------------------हर्ष महाजन

Saturday, July 15, 2017

तेरे इश्क में गर है जुनूं, मेरी इल्तजा कि खुदा से कर

...

तेरे इश्क में गर है जुनूं, मेरी इल्तजा कि खुदा से कर,
तेरा बेवफाई का मन करे तो है ये दुआ तू अदा से कर |

तुझे ज़िंदगी की किताब का कोई हर सफा क्यूँ सौंप दे,
जो हिफाज्तें तू न कर सका उनको खुदा की दुआ से कर |

---------------हर्ष महाजन