Tuesday, December 4, 2018

कितनी यादें छिपी हैं उनकी खामोश आंखों में

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कितनी यादें छिपी हैं उनकी खामोश आंखों में,
डर लगता है कहीं उफ़क न पड़ें मेरे आने से ।

--------------हर्ष महजन

Monday, December 3, 2018

करता रहा उम्र-भर नफरत जिस शख्स से

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करता रहा उम्र-भर नफरत जिस शख्स से,
जुदा हुआ तो कतरा इक मेरी आँखों में था,

यत्न तो किये थे मैने कि उसे भूल ही जाऊँ, 
मगर क्या करूँ वो दिल की सलाख़ों में था ।

----------------हर्ष महाजन