मुझे उसके दर्द का ख्याल इस कदर होने लगा है
क़ैद थे वो जिस दिल में वो जार-जार रोने लगा है |
अजीब क्या है उसपे जो दिल फिदा है मेरा 'हर्ष'
हर अदा पे उसकी ये दिल भंवरों सा खोने लगा है |
जिस शिद्दत से सजाया है उसने मेरे अरमानों को
उसका वो प्यार अखियों को अश्कों से धोने लगा है |
_____________हर्ष महाजन
waah waah...bahut khoob sir.
ReplyDeleteShukriyaa Vidya ji.....
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