ऐ खुदा उस शख्स को कुछ तौफीक देना
जीत हासिल हो उसे मगर तहजीब देना ।
घात-प्रतिघात का सिलसिला बदल देना यूँ
शांत कर देना चित फिर रिश्ता करीब देना ।
आफत में जो कुछ भी गुज़र रहा है उस पर
इल्तजा है उस मुहीम पर रख सलीब देना ।
बहुत चाहता हूँ उसे मगर इम्तिहाँ कैसे दूं
उसके दामन में ऐ खुदा कोई तरकीब देना ।
गर बिछी है बिसात कोई मजलूम के लिए
मात हो दुश्मन की ऐसा उसे नसीब देना ।
___________हर्ष महाजन ।
जीत हासिल हो उसे मगर तहजीब देना ।
घात-प्रतिघात का सिलसिला बदल देना यूँ
शांत कर देना चित फिर रिश्ता करीब देना ।
आफत में जो कुछ भी गुज़र रहा है उस पर
इल्तजा है उस मुहीम पर रख सलीब देना ।
बहुत चाहता हूँ उसे मगर इम्तिहाँ कैसे दूं
उसके दामन में ऐ खुदा कोई तरकीब देना ।
गर बिछी है बिसात कोई मजलूम के लिए
मात हो दुश्मन की ऐसा उसे नसीब देना ।
___________हर्ष महाजन ।
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