...
मेरे अश्कों की कदर अब यहाँ कहाँ,
जो गिरें जाने यहाँ अब कहाँ कहाँ |
हम वफ़ा करके भी तनहा हैं खड़े,
कैसे रुक पाएगी अब ये जुबां कहाँ |
मेरी साँसें हैं सफ़र पर अब तलक
ज़िंदगी अपनी मगर अब जवां कहाँ |
क़ैद थे आंसू जो खुद बहने लगे,
काला-काला उठ रहा अब धुआँ कहाँ |
तेरी उल्फत मुझको तडपाये यहाँ
मुझको लगता प्यार मेरा रवाँ कहाँ |
___________हर्ष महाजन
कैसे रुक पाएगी अब ये जुबां कहाँ |
मेरी साँसें हैं सफ़र पर अब तलक
ज़िंदगी अपनी मगर अब जवां कहाँ |
क़ैद थे आंसू जो खुद बहने लगे,
काला-काला उठ रहा अब धुआँ कहाँ |
तेरी उल्फत मुझको तडपाये यहाँ
मुझको लगता प्यार मेरा रवाँ कहाँ |
___________हर्ष महाजन
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