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जिस जुल्मी दिल के आईने में हैं प्यार की मशाल,
तुम दिल को रखना काबू में फिर देख उसकी चाल |
तुम दिल को रखना काबू में फिर देख उसकी चाल |
जब-जब उठेगा रिश्तों पर... कोई ऐसा इक सवाल,
पल-भर में फिर तुम देखना उस रिश्ते का कमाल |
____________________हर्ष महाजन
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