…
ये कैसा अत्याचार हुआ इक बे-वफ़ा से प्यार हुआ,
जो अर्श से था फर्श तक विश्वास भी तार-तार हुआ ।
गुस्सा तुनकपन कड़वे बोल बोले थे उसने बिन ही तोल
इक था भरोसा साँसों का वो रिश्ता भी तलवार हुआ ।
_____________हर्ष महाजन
ये कैसा अत्याचार हुआ इक बे-वफ़ा से प्यार हुआ,
जो अर्श से था फर्श तक विश्वास भी तार-तार हुआ ।
गुस्सा तुनकपन कड़वे बोल बोले थे उसने बिन ही तोल
इक था भरोसा साँसों का वो रिश्ता भी तलवार हुआ ।
_____________हर्ष महाजन
No comments:
Post a Comment