Monday, December 1, 2014

मुझे अलविदा की समझ न थी, इस तरह हुई फिर उनकी शाम

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मुझे अलविदा की समझ न थी, इस तरह हुई फिर उनकी शाम,
अर्थी से गिरते फूलों को........... फिर करता मैं दिल से सलाम |


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Mujhe alvidha kii samajh na thi is tarah hui phir unki shaam.
Arthi se Girte phooloN k..........phir karta maiN dil se salaam.




_______________________Harash Mahajan

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