...
कुछ तू भाषण पे राशन अब करता अगर,
कुछ तू कांग्रेस का शासन बदलता मगर ।
कब तलक सिर्फ वादों पे टिकते सभी,
कुछ तो जनता की आँखों को आता नज़र ।
तुझको सूरज समझ दे दिया सब फलक,
तूने समझा न जनता का दिल न जिगर ।
जनसंघ से जो जुदा न हुआ 'हर्ष' कभी,
भाजपा बन हिलाया जिगर अब मगर ।
जिस तरह बैंकर्स को नज़र अंदाज़ किया ,
बैंकर्स ने किया तुझको यूँ दर बदर ।
देश हित के लिए तूने बहुत है किया,
पर तू जनता की भूला गालियां ओ डगर ।
ये तो जनता है दिल में रखे तब तलक,
जब तलक जो बनेगा उन्हीं का शज़र।
तू तो मोदी था मोदी बना ही रहा,
न ली ज़ख्मों की न ली दिलों की खबर ।
-----------------------हर्ष महाजन
कुछ तू भाषण पे राशन अब करता अगर,
कुछ तू कांग्रेस का शासन बदलता मगर ।
कब तलक सिर्फ वादों पे टिकते सभी,
कुछ तो जनता की आँखों को आता नज़र ।
तुझको सूरज समझ दे दिया सब फलक,
तूने समझा न जनता का दिल न जिगर ।
जनसंघ से जो जुदा न हुआ 'हर्ष' कभी,
भाजपा बन हिलाया जिगर अब मगर ।
जिस तरह बैंकर्स को नज़र अंदाज़ किया ,
बैंकर्स ने किया तुझको यूँ दर बदर ।
देश हित के लिए तूने बहुत है किया,
पर तू जनता की भूला गालियां ओ डगर ।
ये तो जनता है दिल में रखे तब तलक,
जब तलक जो बनेगा उन्हीं का शज़र।
तू तो मोदी था मोदी बना ही रहा,
न ली ज़ख्मों की न ली दिलों की खबर ।
-----------------------हर्ष महाजन
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