...
बरबादियों की...रुदाद ग़ज़ल,
बदनामियों का जवाब ग़ज़ल |
बदनामियों का जवाब ग़ज़ल |
हो अजब सी दास्ताँ हुस्न गर,
ज़ख्मों भरी है अज़ाब ग़ज़ल |
ज़िंद से जहाँ हो....गिला बहुत ,
दर्द-ए-निहाँ सी सवाल ग़ज़ल |
बेताबियों का हो......सबब जहाँ,
लबरेज़ हुस्न-ओ-ज़माल ग़ज़ल |
आँखों में अनहद अश्क हो जब,
महरूमियत की मिसाल ग़ज़ल |
हर्ष महाजन
रुदाद =कहानी
ज़ख्मों भरी है अज़ाब ग़ज़ल |
ज़िंद से जहाँ हो....गिला बहुत ,
दर्द-ए-निहाँ सी सवाल ग़ज़ल |
बेताबियों का हो......सबब जहाँ,
लबरेज़ हुस्न-ओ-ज़माल ग़ज़ल |
आँखों में अनहद अश्क हो जब,
महरूमियत की मिसाल ग़ज़ल |
हर्ष महाजन
रुदाद =कहानी
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