जुल्फें वो सज के सँवारे तो कोई बात बने
रहे वो जज्बातों के सहारे तो कोई बात बने ।
या इलाही न छोड़ बैठूं मैं सब्र का दामन
वो उम्र अब संग गुजारे तो कोई बात बने ।
________________हर्ष महाजन
रहे वो जज्बातों के सहारे तो कोई बात बने ।
या इलाही न छोड़ बैठूं मैं सब्र का दामन
वो उम्र अब संग गुजारे तो कोई बात बने ।
________________हर्ष महाजन
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