दोस्तों वक़्त नहीं मिल पाया सो लेट हूँ....मैं यहाँ एक अद्भुत व्यंग पेश करने की कोशिश करना चाहता हूँ...उम्मीद है वो उसी भाव में आप तक पहुंचे गा...
भगवान् कृष्ण ...महाभारत के युग में कौरवों की ओर से युध्ह में शामिल थे...आज कल के युग के कृष्ण उस वक़्त की बातों को कलयुगी तरीके से कैसे देखते हैं ...एक झलक .....
_______________________________
हे ! अर्जुन ...
सुनो ....
मैं हूँ ...
कलयुग का कृष्ण ।
अबकि मेरा
सिर्फ एक ही मिशन ।
तुम गोरे हो
कई गोपियाँ
आपके इर्द गिर्द घूमेंगी,
हर बार मुझे छोड़
तुम्हारे साथ झूमेंगी ।
ये कलयुग है ,
कुछ मेरा भी सोचो,
सबकुछ अकेले न नोचो ।
तुम्हारे लिए महाभारत में
मैंने क्या -क्या नहीं किया,
और कलयुग में
अभी तक
कुछ नहीं किया ।
मैं काला हूँ ...सांवला हूँ
पर दिलवाला हूँ और चाह वाला हूँ ।
मुझे भी
इन गोपियों का
संग पा लेने दो,
इनका
अस्मरण रस पी लेने दो ।
कलयुग तो अब
अपने तबो-ताब पे आने वाला है
सब कुछ हाथ से जाने वाला है ।
मेरे रंग को
बदनाम न होने देना
कलयुग का नाम
न डूबने देना ।
हर्ष महाजन
भगवान् कृष्ण ...महाभारत के युग में कौरवों की ओर से युध्ह में शामिल थे...आज कल के युग के कृष्ण उस वक़्त की बातों को कलयुगी तरीके से कैसे देखते हैं ...एक झलक .....
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हे ! अर्जुन ...
सुनो ....
मैं हूँ ...
कलयुग का कृष्ण ।
अबकि मेरा
सिर्फ एक ही मिशन ।
तुम गोरे हो
कई गोपियाँ
आपके इर्द गिर्द घूमेंगी,
हर बार मुझे छोड़
तुम्हारे साथ झूमेंगी ।
ये कलयुग है ,
कुछ मेरा भी सोचो,
सबकुछ अकेले न नोचो ।
तुम्हारे लिए महाभारत में
मैंने क्या -क्या नहीं किया,
और कलयुग में
अभी तक
कुछ नहीं किया ।
मैं काला हूँ ...सांवला हूँ
पर दिलवाला हूँ और चाह वाला हूँ ।
मुझे भी
इन गोपियों का
संग पा लेने दो,
इनका
अस्मरण रस पी लेने दो ।
कलयुग तो अब
अपने तबो-ताब पे आने वाला है
सब कुछ हाथ से जाने वाला है ।
मेरे रंग को
बदनाम न होने देना
कलयुग का नाम
न डूबने देना ।
हर्ष महाजन
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