Saturday, June 23, 2012

वो शख्स अपनी बात से लगे मुकर गया

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वो शख्स अपनी बात से लगे मुकर गया
बे-ईमान था वो अब दिल से उतर गया ।

इक ख्वाब पक्के महल का दिल में था मगर
आज कच्ची नीव सा यूँ ही उखड गया ।

ये सोचा था वो बदलेंगे ये वीरां को चमन में
ये वहम था मेरा कि बस पल में उजड़ गया ।

पाश-पाश किया है उसने दामन-ए-वफ़ा मेरा
सँभलने को दे के अब इक लम्बा सफ़र गया ।

दुश्मन की सफ में था मगर सुना संभल गया
खामोश था मगर न जाने अब किधर गया ।

_____________हर्ष महाजन ।

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