***
यादों का दीप जला ये दिल में दर्द उठा
बड़ी मुद्दत से मुझे माँ तेरा आँचल न मिला |
यादों का दीप जला..........
तेरे हाथों की महक म अब भी आती है सदा,
तेरे मुखड़े की झलक , आये सपनों में सदा,
न छिनना ये सिलसिला, मिले है सकून बड़ा,
बड़ी मुद्दत से मुझे माँ तेरा आँचल न मिला |
यादों का दीप जला..........
बचपन के दिन वो मेरे, जो बीते संग माँ तेरे,
थे दिन तेरे गीतों भरे बसे जो अंग अंग नेरे,
न भूलूँ उनको सदा है उनमें जादू भरा
बड़ी मुद्दत से मुझे माँ तेरा आँचल न मिला |
यादों का दीप जला..........
***
written in 1980's
यादों का दीप जला ये दिल में दर्द उठा
बड़ी मुद्दत से मुझे माँ तेरा आँचल न मिला |
यादों का दीप जला..........
तेरे हाथों की महक म अब भी आती है सदा,
तेरे मुखड़े की झलक , आये सपनों में सदा,
न छिनना ये सिलसिला, मिले है सकून बड़ा,
बड़ी मुद्दत से मुझे माँ तेरा आँचल न मिला |
यादों का दीप जला..........
बचपन के दिन वो मेरे, जो बीते संग माँ तेरे,
थे दिन तेरे गीतों भरे बसे जो अंग अंग नेरे,
न भूलूँ उनको सदा है उनमें जादू भरा
बड़ी मुद्दत से मुझे माँ तेरा आँचल न मिला |
यादों का दीप जला..........
***
written in 1980's
सार्थक रचना
ReplyDeleteShukriya
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