Mere Dil ki GehrayioN ko na chhoona
Akeli haiN, TanhayioN ko na chhoona
Har ik taar toota hai dil ka toh mere
shikistah haiN shehnayioN ko na chhoona
Nichhavar hai Tujpe ye jaaN bhi magar,
Kabhi dil ki GehrayioN ko na chhoona
Kahte hain woh ki shola-badan hooN maiN
Muzhe chhoo ke ruswayioN ko na chhoona
Tumeh yeh GumaaN hai, chhoo loge har shai par
Andhere maiN parchhayioN ko na chhoona.
harash mahajan@copyright
ग़ज़ल
हर इक साज़ मेरे दिल का है टूटा
शिकिस्ताँ हैं शहनाईयों को न छूना |
निछावर है तुझ पे ये जाँ भी मगर अब
कभी दिल की बुराइयों का न छूना |
कहा था किसी ने कि शोला बदन हूँ
मुझे छू के रुसवाइयों लो न छूना |
तुम्हे ये गुमाँ है कि छू लोगे हर शै
अँधेरे में परछाइयों को न छूना |
_____हर्ष महाजन
हर इक साज़ मेरे दिल का है टूटा
शिकिस्ताँ हैं शहनाईयों को न छूना |
निछावर है तुझ पे ये जाँ भी मगर अब
कभी दिल की बुराइयों का न छूना |
कहा था किसी ने कि शोला बदन हूँ
मुझे छू के रुसवाइयों लो न छूना |
तुम्हे ये गुमाँ है कि छू लोगे हर शै
अँधेरे में परछाइयों को न छूना |
_____हर्ष महाजन
beh'r
122-122-122-122
This Ghazal is edited by shri Chaman ji on 25/06/2007
122-122-122-122
This Ghazal is edited by shri Chaman ji on 25/06/2007
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