--Tum aaye toh lagta hai Husn ka didaar hua
Aashiq tire bahut ik shaks our bimaar hua.
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Woh nahiN hai mera magar maine ikraar kiya hai
Ab Sach kahuN toh uski bagawat se pyar kiya hai
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Harash
इस ज़िंदगी के उतार-चढ़ाव के साथ कई कवि सम्मेलनों और महफ़िलों में शिर्कत करते हुए ज़हन से निकले अहसास, अल्फास बनकर किस तरह तहरीरों में क़ैद हुए मुझे खुद भी इसका अहसास नहीं हुआ | मेरे ज़हन से अंकुरित अहसास अपनी मंजिल पाने को कभी शेर, नज़्म , कता, क्षणिका, ग़ज़ल और न जाने क्या-क्या शक्ल अख्तियार कर गया | मैं काव्य कहने में इतना परिपक्व तो नहीं हूँ | लेकिन प्रस्तुत रचनाएँ मेरी तन्हाइयों की गवाह बनकर आपका स्नेह पाने के लिए आपके हवाले है उम्मीद है आपका सानिध्य पाकर ये रचनाएँ और भी मुखर होंगी |
Thanx for ur wonderful comment........ plz do follow my blog also......... I will grateful to u........
ReplyDeleteregards
Woh nahiN hai mera magar maine ikraar kiya hai
ReplyDeleteAb Sach kahuN toh uski bagawat se pyar kiya hai
" diwangi ki had, mohabat ki intha hui hogi,
taire khyalat se hi khud ko besbar hmne baar baar kiya.."
regards