Tuesday, October 2, 2018

जावेद अख्तर जी

फिल्मी जगत की कुछ कही अनकही बातें ।
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इस सीरीज में हम बात करेंगे फिल्मी जगत में घटी कुछ ऐसी घटनाओं की जिनकी जानकारी सिर्फ कुछ विरले ही लोगों के पास होगी । औऱ जहां तक उन हस्तियों की बात है जिनके बारे में घटनाओं का ज़िक्र है संभवत: वही होंगे जिनको मैं अभी तलक पसंद करता आया हूँ ।
क्योंकि मैं खुद एक लेखक हूँ ग़ज़ल कविताएं पटकथाएं कहानियां लिखना मेरा शौक है, सो मेरी पहली पसंद जिनके बारे में कुछ अनकही बातें मैं कहना चाहूंगा वो हैं श्री जावेद अख्तर साहब । इनके बारे में कुछ कहने से पहले कुछ और हस्तियों के बारे में बात करना में ज़रूरी समझता हूँ ।
         घटना उन दिनों की है जब हम दसवीं ग्याहरवीं कक्षा नें पढ़ा करते थे । सन था 1970-71 । बहुत से कलाकार फिल्मों में अपनी ऊंचाईयां बना चुके थे और कुछ बनाने में व्यस्त थे । उनमें से एक थे राजेश खन्ना साहब । उन्होंने 1969 से 1971 तक अपने फिल्मी carrier  की सबसे hit फिल्में फिल्मी जगत को दे चुके थे ।
     इसी बीच उन्होंने सुना राजेन्द्र कुमार साहब जो उस वक़्त की बुलंदियों को छू रहे थे अपना बंगला जिसका नाम उन्होंने अपनी बेटी के नाम पर रखा था "डिम्पल" बेच रहे हैं । क्योंकि राजेन्द्र जी अपने नए बंगले में शिफ्ट हो रहे थे ।
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राजेश खन्ना जी की अपनी फिल्म "हाथी मेरे साथी" में उन्होंने सलीम जावेद की जोड़ी को ब्रेक दिया।
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राजेश खन्ना जी उस वक़्त में खुद को उस वक़्त के बादशाह समझते थे । इसीलिए उस बंगले को खरीदने की ख़्वाहश रख दी । उस बंगले ने राजेन्द्र कुमार को बुलंदियां दी थी । राजेश खन्ना जी चाहते तो थे मगर कीमत को देख मन बैचैन हो उठा । 
उन्हीं दिनों एक south Indian producer ने एक 'हाथी' पर फ़िल्म offer ki. जिन्हें वो करना तो नहीं चाहते थे मगर उस बंगले को खरीदने के लिए पैसे की ज़रूरत थी । इसी खातिर खन्ना जी नेवो फ़िल्म accept कर ली ।
मगर उस फिल्म की स्क्रिप्ट को लेकर आश्वस्त नहीं थे ।
उन्होंने फिल्म के डायरेक्टर M A Thirumugam से इस बारे में बात की । अपनी शर्तों पर उस स्टोरी के Screen play writer की तलाश शुरू हुई ।
इसी बीच जावेद औऱ सलीम साहब की खन्ना जी से मुलाकात हुई ।
 but even after some rewrites, the script, involving elephants, didn’t offer anything meaningful to the him up to yet.
       In a bid to get something substantial, Khanna ji asked Salim Khan and Javed Akhtar to take a shot at Haathi Mere Saathi. They both were looking for independent credit too in those days.

Finally खन्ना जी offered them to write it's screenplay. उन्होंने कहा अगर उनको उनका स्क्रीनप्ले अच्छा लगा तो वो ओरों से ज़्यादा पैसा और शौहरत देंगे ।
फ़िल्म का original नाम "प्यार की दुनियाँ" से बदल कर "हाथी मेरे साथी" रखा गया, और ये फ़िल्म सुपर हिट हुई । इसी फिल्म से जावेद-सलीम की जोड़ी को ब्रेक मिला ।

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