Friday, May 29, 2020

हिचकियाँ


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यूँ न मजबूर करो
मुझे
अपनी हिचकियों से इस कदर,
मुझे भी तो
ख्याल है
तेरे बे-सब्र जज़्बे का ।

----हर्ष महाजन

Thursday, May 28, 2020

आइये समंदर को बदल डालें

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आइये आज समंदर को बदल डालें ,
मेरे  कुछ शेर हैं उनमें वज़न डालें |
मगर बदलूं कैसे बदनसीब मुक़द्दर, 
चलो हाथ की लकीरों में खलल डालें |

_________हर्ष महाजन

मेरा वज़ूद

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ये आईना नहीं,
 मेरे वज़ूद का सबूत है,

वरना कभी कोई, 
मेरा पैरवीकार न होता ।

....हर्ष महाजन

Sunday, May 10, 2020

यादों का दीप जला ये दिल में दर्द उठा

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यादों का दीप जला  ये दिल में दर्द उठा
बड़ी मुद्दत से मुझे माँ तेरा आँचल न मिला |

यादों का दीप जला..........

तेरे हाथों की महक म अब भी आती है सदा,
तेरे मुखड़े की झलक , आये सपनों में सदा,
न छिनना ये सिलसिला, मिले है सकून बड़ा,
बड़ी मुद्दत से मुझे माँ तेरा आँचल न मिला |

यादों का दीप जला..........

बचपन के दिन वो मेरे, जो बीते संग माँ तेरे,
थे दिन तेरे गीतों भरे बसे जो अंग अंग नेरे,
न भूलूँ उनको सदा है उनमें जादू भरा
बड़ी मुद्दत से मुझे माँ तेरा आँचल न मिला |

यादों का दीप जला..........

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written in 1980's