Thursday, May 28, 2020

आइये समंदर को बदल डालें

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आइये आज समंदर को बदल डालें ,
मेरे  कुछ शेर हैं उनमें वज़न डालें |
मगर बदलूं कैसे बदनसीब मुक़द्दर, 
चलो हाथ की लकीरों में खलल डालें |

_________हर्ष महाजन

2 comments:

  1. आपकी उपस्थिति ओर स्नेहिल शब्दों के लिए शुक्रिया मयंक जी ।

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