Sunday, May 10, 2020

यादों का दीप जला ये दिल में दर्द उठा

***


यादों का दीप जला  ये दिल में दर्द उठा
बड़ी मुद्दत से मुझे माँ तेरा आँचल न मिला |

यादों का दीप जला..........

तेरे हाथों की महक म अब भी आती है सदा,
तेरे मुखड़े की झलक , आये सपनों में सदा,
न छिनना ये सिलसिला, मिले है सकून बड़ा,
बड़ी मुद्दत से मुझे माँ तेरा आँचल न मिला |

यादों का दीप जला..........

बचपन के दिन वो मेरे, जो बीते संग माँ तेरे,
थे दिन तेरे गीतों भरे बसे जो अंग अंग नेरे,
न भूलूँ उनको सदा है उनमें जादू भरा
बड़ी मुद्दत से मुझे माँ तेरा आँचल न मिला |

यादों का दीप जला..........

***
written in 1980's

2 comments: