Tuesday, September 16, 2014

तजुर्बा है नया घाटी में,यूँ सैलाब आने का

...
तजुर्बा है नया घाटी में.............यूँ सैलाब आने का,
यहाँ देखो जिगर किसका , बताओ कहर बचाने का |
लहू के रंग से इतिहास में...........संग्राम लिख देंगे,
कोई दुश्मन उठा गर शौक़ उसे इतिहास बनाने का |
__________हर्ष महाजन


Tazurba hai naya ghati meiN.........yuN sailaab aane ka,
YahaN Dekho Jigar kiska.......batao kaher bachaane ka.
Lahu ke Rang se itihaas meiN.....sangraam likh deNge,
Koii Dushman utha gar shouk usey itihaas banaane ka.


_____________________ Harash Mahajan

No comments:

Post a Comment