क्षणिका
*******
ऐ दिल !
धड़को !!
खूब धड़को !!!
मगर ----
इतना नहीं ?
कि अपनी
पराकाष्ठा ही भूल जाए ।
--हर्ष महाजन
पराकाष्ठा = चरम सीमा
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ऐ दिल !
धड़को !!
खूब धड़को !!!
मगर ----
इतना नहीं ?
कि अपनी
पराकाष्ठा ही भूल जाए ।
--हर्ष महाजन
पराकाष्ठा = चरम सीमा
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