...
ये लफ्ज़ मेरे, सोच मेरी, नग्में भी मेरे,
अब जाने क्यूं ख्याल सभी उनमें हैं तेरे ।
ये शाम भी हँसी-हँसी है वक़्त में वफा,
फ़िर जाने तेरी यादों में आँसू है क्यूँ मेंरे ।
--------------------हर्ष महाजन
221 2121 1221 212
ये लफ्ज़ मेरे, सोच मेरी, नग्में भी मेरे,
अब जाने क्यूं ख्याल सभी उनमें हैं तेरे ।
ये शाम भी हँसी-हँसी है वक़्त में वफा,
फ़िर जाने तेरी यादों में आँसू है क्यूँ मेंरे ।
--------------------हर्ष महाजन
221 2121 1221 212
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