Saturday, December 18, 2021

समय का पहिया जब भी चलेगा,

समय का पहिया जब भी चलेगा, कुदरत का इंसाफ चले,
जब भी चले इंसान का पहिया  चारो तरफ बेईमान चले ।

माफ करो भैया, काल चक्र भैया 

दिल से दिल की बात सुने तो हर कोशिश में ताकत है,
जब भी चले ढफली अपनी तो हर जगह तूफान चले ।

माफ करो भैया, काल चक्र भैया 

साथ रहें दुश्मन बनकर अर मौत पे अश्क़ बहाते है,
अपनों संग अना से अकड़ा रहा आखिर इकला जजमान चले ।

माफ करो भैया, काल चक्र भैया 

हर्ष महाजन 'हर्ष'

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