Friday, January 24, 2014

कश्ती जो कभी दरिया पार करवाती थी मुझे


कश्ती जो कभी दरिया पार करवाती थी मुझे,
किस तरह लहरों संग मिल गयी है वो आज ।

___________हर्ष महाजन

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