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मुझे इल्म था कि तुम यूँ ही छोड़ जाओगे मुझे तनहा ,
मगर इक दीया जाने किसका जल रहा है दिल में मेरे ।
________________हर्ष महाजन
मुझे इल्म था कि तुम यूँ ही छोड़ जाओगे मुझे तनहा ,
मगर इक दीया जाने किसका जल रहा है दिल में मेरे ।
________________हर्ष महाजन
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