Friday, February 21, 2014

हर पोस्ट पर वाह-वाह करूँ, मेरा शौक नहीं है,


हर पोस्ट पर वाह-वाह करूँ, मेरा शौक नहीं है,
मगर जिसमें अहसास भरपूर हों रोक नहीं है ।


लिखने वाले गर सिर्फ पोस्ट करने हेतु लिखें,
लाईक ज़बरदस्ती करूँ, ऐसा भी लोक नहीं है ।


मगर यहाँ कुछ अपने भी हैं और कुछ पराये भी,
उन्हें बुरा न लगे मुझे कुछ ऎसी भी टोक नहीं है ।


मुझे कुछ आता नहीं पर कोशिश रोज़ करता हूँ,
ग़ज़ल कह, जानता हूँ बन्दिश की छोंक नहीं है ।


अच्छी लगे तो आप उसपे लाईक करें या कमेंट ,
यही है इल्तिज़ा मेरी, सच में, कोई जोक नहीं है ।


______________हर्ष महाजन

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