Wednesday, December 24, 2014

निगाहों के मिलने से दिल मिल जाएँ ये ज़रूरी तो नहीं

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निगाहों के मिलने से दिल मिल जाएँ ये ज़रूरी तो नहीं,
मगर बे-वज़ह ये इत्तफाक बार-बार होता है आजकल |
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Nigahon ke milne se dil mil jaayeiN ye zaruri to nahiN
Magar be-wazeh ye ittefaq baar-baar hota hai aajkal.


--------------Harash Mahajan

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