Wednesday, December 3, 2014

नाकाम है ये इश्क अगर जज्बा नहीं होता



नाकाम है ये इश्क अगर.....जज्बा नहीं होता,
ग़ज़लें भी हों बिन काफिया रुतबा नहीं होता |


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Naakaam hai ye Ishq agar........jazba nahiN hota,
GhazleiN bhi hoN bina Qafiya rutba nahiN hota.



____________________Harash Mahajan

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