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न खेल दिल्लगी का तू कुछ तो खुदा से डर,
इतना कहर है, आह में उसकी, सजा से डर |
लेकर बहाना अम्न का पल-पल करे क्लेश,
अपने जहाँ में आग लगे इस अदा से डर |
इतना कहर है, आह में उसकी, सजा से डर |
लेकर बहाना अम्न का पल-पल करे क्लेश,
अपने जहाँ में आग लगे इस अदा से डर |
हर्ष महाजन
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