...
कुछ हैं रिश्ते मेरे संग नाकाम से ,
हैं मेरे वो मगर कुछ हैं बदनाम से |
हूँ पशोपेश में छोडूं उनका सफ़र,
हैं टिके जो मेरी खुशियों के दाम से |
हैं मेरे वो मगर कुछ हैं बदनाम से |
हूँ पशोपेश में छोडूं उनका सफ़र,
हैं टिके जो मेरी खुशियों के दाम से |
___________हर्ष महाजन
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