भ्रष्टाचार को खींच कर धरती पे टिका दो साथियो
भ्रष्टाचारी जो मिले मिटटी में मिला दो साथियो |
पग-पग भर दो मैदानों में जहां कोई कण खाली हो
अपने जोशीले नारों से संसद हिला दो साथियो |
अभी तो खेल रहे शब्दों से इतना न मजबूर करो
निकल पड़ें न तलवारें इनको बतला दो साथियों |
अपने जोशीले नारों से संसद हिला दो साथियो |
अभी तो खेल रहे शब्दों से इतना न मजबूर करो
निकल पड़ें न तलवारें इनको बतला दो साथियों |
काँप उठेंगी हवाएं तक जब अन्ना करवट बदलेंगे
तब याद करेंगे आज़ादी इनको दिखला दो साथियो |
तब याद करेंगे आज़ादी इनको दिखला दो साथियो |
जन-लोकपाल बिल आज भी पत्थरों में पल रहा
क्या खून पानी हो गया इनको बतला दो साथियो |
चौसठ साल की पारी खेल भारत फिर गुलाम हुआ
आज़ादी किस तरह मिली थी इनको बतला दो साथियो |
आज़ादी किस तरह मिली थी इनको बतला दो साथियो |
खींच लो अपने घरों से इक-इक को मैदानों में
दिखला दो तुम ताकत सबकी अपनी मिला के साथियो
भारत, भारत रहा नहीं अब, बंधे-मातरम कहाँ गया
भारत माता के नारों से इनको हिला दो साथियो |
जय हिंद ------ जय भारत
दिखला दो तुम ताकत सबकी अपनी मिला के साथियो
भारत, भारत रहा नहीं अब, बंधे-मातरम कहाँ गया
भारत माता के नारों से इनको हिला दो साथियो |
जय हिंद ------ जय भारत
हर्ष महाजन
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