वो कब्र में भी मुझको जीने नहीं देता
उसका तसव्वर ज़ख्म सीने नहीं देता
कितना अजीब था रिश्ता उससे मेरा
जहर उगला बहुत पर पीने नहीं देता |
________हर्ष महाजन
उसका तसव्वर ज़ख्म सीने नहीं देता
कितना अजीब था रिश्ता उससे मेरा
जहर उगला बहुत पर पीने नहीं देता |
________हर्ष महाजन
excellent sher sir......waah.
ReplyDeleteShukriya Vidya ji
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