Saturday, April 11, 2015

अश्कों ने मुझसे पुछा उनसे मैं क्युँ परिशाँ हूँ,

....

अश्कों ने मुझसे पुछा उनसे मैं क्युँ परिशाँ हूँ,
गम-ओ-ख़ुशी के दरमियाँ जानूँ न मैं कहाँ हूँ ।

--------------------हर्ष महाजन

No comments:

Post a Comment