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अपने दिल पर किसी का.रंग चढाकर तुम भी देखो तो,
अपनी किस्मत में थोड़ी भंग मिलाकर तुम भी देखो तो ।
कभी शरबत सी आँखों से.........तेरी जब नूर टपकें तो,
शराबी आँखों से फिर जंग.....चलाकर तुम भी देखो तो ।
----------------हर्ष महाजन
अपने दिल पर किसी का.रंग चढाकर तुम भी देखो तो,
अपनी किस्मत में थोड़ी भंग मिलाकर तुम भी देखो तो ।
कभी शरबत सी आँखों से.........तेरी जब नूर टपकें तो,
शराबी आँखों से फिर जंग.....चलाकर तुम भी देखो तो ।
----------------हर्ष महाजन
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