Wednesday, August 10, 2016

यूँ किस्से अपने लिक्खे खूब उसने खुद सफीनों पर

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यूँ किस्से अपने लिक्खे खूब उसने खुद सफीनों पर,
मेरी इच्छा है वो गजलों में सब तब्दील हो जाएँ |

हर्ष महाजन

1222-1222-1222-1222

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