Monday, February 19, 2018

इश्क़ तक तुझे तैयार करूँ ज़ायज़ नहीं लगता


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इश्क़ तक तुझे तैयार करूँ ज़ायज़ नहीं लगता,
अनचाहा फिर खुमार भरूँ ज़ायज़ नहीं लगता ।
चाहत तो है तेरे हुस्न का दीदार कर लूँ मगर,
दहलीज़ पे इंतज़ार करूँ...ज़ायज़ नहीं लगता ।

----------------हर्ष महाजन

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