Sunday, July 12, 2015

इन हवाओं से कभी मेरा पता पूछोगे

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इन हवाओं से कभी.....मेरा पता पूछोगे,
किस तरह आता मुझे तेरा नशा पूछोगे |

तूने जो ली थी कसम मुझसे जुदा होने पर,
मेरी धड़कन की सदाओं से सजा पूछोगे |


अब तलक मैंने जलाईं थीं हजारों ही शमा,
यूँ अंधेरों में बता किस से पता पूछोगे |


बेरहम यादें चलीं आहों में आंधी की तरह,
है असर इतना कि कण-कण से खुदा पूछोगे |


जब से रातों में दिखे रूहें जुगनुओं की तरह,
था कहाँ मैंने जलाया था दीया पूछोगे |


_____________हर्ष महाजन 


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