सफ़र दर सफ़र परख रहा हूँ मैं
मंजिल दर मंजिल तलख रहा हूँ मैं
खुशनसीब हूँ मैं ऐ गम-ए-जाना
इक मुद्दत से तेरी तलब रहा हूँ मैं ।
______हर्ष महाजन
मंजिल दर मंजिल तलख रहा हूँ मैं
खुशनसीब हूँ मैं ऐ गम-ए-जाना
इक मुद्दत से तेरी तलब रहा हूँ मैं ।
______हर्ष महाजन
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