Friday, October 24, 2014

हासिल-ए-इश्क समझना... इतना भी तो असां नहीं है 'हर्ष

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Haasil-e-ishq samajhna itna bhi to asaaN nahiN hai 'harash'
ik umra beet jaati hai aankh se dil tak ka safar karne meiN.

__________________________Harash Mahajan

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हासिल-ए-इश्क समझना... इतना भी तो असां नहीं है 'हर्ष',
इक उम्र बीत जाती है आँख से दिल तक का सफ़र करने में |


_____________________________हर्ष महाजन

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