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ज़िंदगी नासूर बनी हो मुझको ऐसा गम नहीं,
ज़िंदगी तेरी न हो अब मुझमें ऐसा दम नहीं |
तेरी खातिर छोड़ दिये अब दर्द के वो फासले,
भूल गए अब ज़ख्मीं पल भूले मगर वो ज़ख्म नहीं |
आजकल शेरों में मेरे बेरुखी और रुसवाई,
जिस तरह ग़ज़लें उठीं तेरी, जहां थे हम नहीं |
हम चले महफ़िल से तेरी भूल कर सब अदावतें,
बह चुके अब अश्क इतने होती आखें नम नहीं |
रंग बिरंगी दुनिया में अब खुशियाँ सब बेरंग हुई,
इल्तजा ऐ खुदा उठा ले, कोई यहाँ हमदम नहीं |
____________________हर्ष महाजन
अदावतें=वैर
ज़िंदगी नासूर बनी हो मुझको ऐसा गम नहीं,
ज़िंदगी तेरी न हो अब मुझमें ऐसा दम नहीं |
तेरी खातिर छोड़ दिये अब दर्द के वो फासले,
भूल गए अब ज़ख्मीं पल भूले मगर वो ज़ख्म नहीं |
आजकल शेरों में मेरे बेरुखी और रुसवाई,
जिस तरह ग़ज़लें उठीं तेरी, जहां थे हम नहीं |
हम चले महफ़िल से तेरी भूल कर सब अदावतें,
बह चुके अब अश्क इतने होती आखें नम नहीं |
रंग बिरंगी दुनिया में अब खुशियाँ सब बेरंग हुई,
इल्तजा ऐ खुदा उठा ले, कोई यहाँ हमदम नहीं |
____________________हर्ष महाजन
अदावतें=वैर
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